सोयाबीन की खेती करने वाले किसान ये जरुर जान ले

 सोयाबीन की खेती से जुडी मुख्य बातें 


सोयाबीन की खेती सबसे अधिक मध्यप्रदेश में की जाती है 

       किसान सोयाबीन की बुवाई  मानसून  की पहली बारिश बारिश

 होने पर कर देते है अगर सोयाबीन की फसल का अधिक से अधिक

उत्पादन लेना हो तो उसके लिए किन मुख्य बातो का ध्यान रखना

चाहिए यही जानकारी हम आज के इस ब्लॉग जानेगे 






सोयाबीन की खेती के लिए कुछ मुख्य जानकारी 


सोयाबीन की खेती करने का तरीका 

सोयाबीन की खेती हर जगह अलग अलग तरीके से की जाती है कही पर सीधे सीडड्रील  की सहायता से बुवाई की
 है तो कही पर बेड  विधि से बुवाई की जाती है  बुवाई के साथ साथ बुवाई की बीज की दुरी और मात्रा भी किसान
अलग अलग रखते है  लेकिन अगर बुवाई के सही तरीके की बात करें तो बेड बनाकर टोकन विधि से ही
सोयाबीन की बुवाई करनी चाहिए जिसमे सोयाबीन की उन्नत किस्मे जैसे आर वी एस ऍम की 11-35 सोयाबीन
,या के डी एस  726  सोयाबीन ,या फिर ब्लैक बोल्ड  सोयाबीन को ही लगाना चाहिए  बुवाई की सही दुरी  पौधे से
 पोधे की दुरी 8 इंच और कतार से कतार की दुरी करीब 18 से 24 इंच के लगभग रखना चाहिए  बीज बोने से पूर्व
 राइजोबियम से या फिर मेटालेक्सिल 35%  बुरसी नाशक  से बीज  उपचारित कर लेना चाहिए 


सोयाबीन बोते समय कौन सा खाद डालना चाहिए 


सोयाबीन की बुवाई करते समय हमेसा ध्यान रखे की सोयाबीन  के बीज के साथ कोई भी रासायनिक या जैविक खाद  मिलाकर बुवाई नही करनी चाहिए क्यों की अगर सोयाबीन के बीज के साथ खाद मिलकर बुवाई करने पर बीज ख़राब हो सकता है जिससे  अंकुरण में समस्या हो सकती है  एस वजह से  सोयाबीन की बुवाई से पहले ही खेत में खाद डाल देनी चाहिए जिसमे  पकी और सडी गली गोबर की खाद का उपयोग करना चाहिए  वही रासायनिक खाद में सिंगल सुपर फॉस्फेट का छिडकाव करना चाहिए  साथ ही चाहे तो सोयाबीन  में डी ए पी 50 किलो प्रति एकड़ की दर से डालना चाहिए इन सभी  खाद को मिटटी में अच्छे से  मिलाकर छोड़ देना चाहिए इसके बाद जब उचित बारिश हो तब  सोयाबीन की बुवाई कर देनी चाहिए अब खाद को लेकर बहुत से किसान भाइयो का प्रश्न रहता है की सोयाबीन में यूरिया कब डाले तो उन किसानो को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की सोयाबीन की फसल में यूरिया  खाद की जरुरत नही होती है  क्यों की बारिश के पानी में पहले से ही यूरिया मौजूद होता है और  इसे में अगर आप सोयाबीन की फसल को अधिक यूरिया खाद देते है तो सोयाबीन की फसल में किट और रोगों का प्रकोप बड जाता है साथ ही सोयाबीन  के पौधे अधिक उचाई ले लेने के कारन  गिर जाते है जिससे सोयाबीन का उत्पादन बडने की बजाय कम हो जाता है 

सोयाबीन की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए आप निचे दिए विडियो देख सकते है







सोयाबीन की अच्छी पैदावार के लिए क्या करें 


सोयाबीन की फसल 90 से 120 दिन में पक कर तैयार हो जाती है  इस  बीच आपको समय समय पर किट और रोगों से सोयाबीन की फसल को सुरक्षित रखना चाहिए साथ ही कुछ संतुलित खादों का भी प्रयोग करना चाहिए 
सोयाबीन की अच्छी पैदावार के लिए जब सोयाबीन की फसल में फुल आ रहे हो तब से लेकर फलियों में  दाने आने तक फुल पत्ती और फल खाने वाले कीटो से सुरक्षित रखना चाहिए जिसके लिए समय समय पर किटनाशक दवाई का छिडकाव  करना चाहिए 


सोयाबीन में पोधो की बडवार रोकने के लिए निचे दिए गए विडियो को देखे 



सोयाबीन में कौन सी दवा डालनी चाहिए 


सोयाबीन की फसल में समय समय  किट नियंत्रण करना जरुरी होता है  शुरुवाती  अवस्था में सोयाबीन में फुल बढाने के लिए  गोदरेज डबल टानिक  या इसबिआन टानिक का छिडकाव करना चाहिए और  सोयाबीन  की फसल में लगभग पुरे समय में तिन से चार स छिडकाव करने की जरुरत होती है सोयाबीन की फसल में इल्ली सुंडी को नियंत्रण करने के लिए प्रोफिनोफोस 40 % सयपर मेथ्रिन 20 % का 400 मिली प्रति एकड़ की दर से छिडकाव करना चाहिए  
अगर सुंडिया इल्लियाँ अधिक मात्र में लगी हो एसी अवस्था में एमामेक्टिन 5 % एस जी का 100 ग्राम  प्रति एकड़ की दर से छिडकाव करवा चाहिए  अंतिम छिडकाव में सल्फर का छिडकाव भी करना चाहिए 


 सोयाबीन कटाई से जुडी कुछ जानकारी 


जैसे की हमने शुरुवात में जाना की अच्छी पैदावार लेने के लिए सोयाबीन की नयी किस्मो का चुनाव करना चाहिए लेकिन जब कटाई  का समय आता है तो इन नयी किस्मो में पोधे अच्छे से सुख नही पाते जिसके कारण हमें कटाई में थ्रेस्सिंग में समस्या होती है  इसलिए कटाई करके दो दिन पोधो को धुप में सुखने  देना चाहिए उसके बाद थ्रेसिम्ग करनी चाहिए ताकि सोयाबीन साफ़ सुथरी हो जिसको आप अगले साल के लिए बीज के रूप में भी रख सकते है 
एन सभी तरीको को अपनाकर आप सोयाबीन की अधिक से अधिक और अच्छी पैदावार ले सकते है 




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