अरबी की खेती कब और कैसे करें ,अरबी की खेती की जानकारी

अरबी  एक सब्जी वर्गीय फसल है आने वाले समय में अरबी खेती का रकबा बढता जा रहा है क्यों की अरबी की खेती से किसान अच्छी कमाई कर लेते है| अरबी के कंद और पत्ते दोनों बाजार में बेचे जाते है अरबी के कंद सब्जी के रूप में प्रयोग किये जाते है वही  बारिश के समय पत्तो की मांग भी बड  जाती है  इस वजह से किसान एक फसल से दोगुनी  कमाई कर सकते है अरबी की खेती उत्तरप्रदेश ,बिहार, बडवा सागर, में की जाती है वही रबी में सबसे ज्यादा अरबी की खेती मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में भी होने लगी है  अरबी की फसल लगभग 6 महीने में पक कर तैयार हो जाती है और बड़ी आसानी से 7 से 8 महीने तक अरबी की फसल को खेत में ही रखा जा सकता है | 





अरबी की  खेती कब  ओर कौन से महीने में लगाई जाती है 



अरबी की फसल साल में सिर्फ एक बार ही खरीफ के मौसम में  जून जुलाई में लगायी जाती है क्यों की अरबी की फसल एक गर्म जलवायु वाली फसल है  बारिश और गर्मी में अरबी की अच्छी पैदावार ली जा सकती है 
कुछ राज्य एसे है  जहा  की जलवायु थोड़ी गर्म रहती है  जैसे मध्यप्रदेश में अरबी की फसल रबी सीजन में अक्टुम्बर और नवम्बर में भी लगाई जाती है|


अरबी की खेती के  लिए मिटटी और तापमान 


अरबी की खेती वैसे तो लभग सभी प्रकार की मिटटी में आसानी  से की जा  सकती है  जिस खेत में जल भराव की समस्या होती है वहा  अरबी की बुवाई नही करनी चाहिए  अरबी की खेती के लिए मीट्टी का पी  एच  6.4 से लेकर  7.3 के लगभग होना चाहिए | वही अरबी की खेती के लिए बिज बुवाई के समय तापमान 30 डिग्री के लगभग होना चाहिए  अरबी की फसल की अच्छी बडवार के लिए 25 से 35 डिग्री का तापमान होना चाहिए ओर फसल निकाते समय मौसम ठंडा रहना चाहिए |

अरबी की खेती के लिए भूमि की तैयारी 


अरबी की फसल लम्बे समय वाली फसल है इसे पकने में छः से आठ महीने के लगभग लगते है ईस वजह से अरबी की फसल को देसी गोबर की खाद की काफी ज्यादा आवश्यकता होती है  अरबी लगाने के पूर्व खेत की अच्छे से गहरी जुताई कर लेना चाहिए और गोबर की  खाद का प्रचुर मात्रा में प्रयोग करना चाहिए खाद  मिटटी में मिलाकर खेत को भुरभुरा और समतल बना लेना चाहिए  उसके बाद बेड या नालिया बना कर  अरबी की बुवाई कर देना चाहिए  बुवाई करने के ले लिए बीज से बीज की दुरी करीब 10 सेंटीमीटर  और कतार  से कतार  की दुरी 24 सेंटीमीटर  के लगभग रखनी चाहिए  लगाने के तुरंत बाद सिचाई कर देनी चाहिए|




अरबी  की फसल में खाद की मात्रा 


अरबी की फसल लगाने से पूर्व सिंगल सुपर फास्फेट 200 kg  और डी ए पी 18,46,00 फस्फोरस का उपयोग 50 kg साथ ही पोटाश 50 kg  के लगभग खेत में छिड़क देना चाहिए   फसल लगाने के दो महीने बाद  एक बेग  यूरिया  और एक बेग  12 ,32 ,16 दोनों खाद मिलाकर फसल में डाल देना चाहिए |अगर आप अरबी की फसल ड्रीप  सिचाई के माध्यम से करते है तो पानी में घुलंसिल खादों  का भी उपयोग किया जा सकता है |

अरबी की फसल में किट और रोग 

अरबी की फसल एक मात्र एसी फसल है जिसमे किसी प्रकार के किटो  का प्रकोप नही होता है
  ईस फसल को जंगली जानवर भी नही  खाते है ईस वजह से भी किसान ईस फसल को  लगाना  पसंद करते है 
अरबी की फसल में रोग भी  बहुत कम लगते है अगर ज्यादा और  चार छः  दिन तक  बारिश होती है तो वैसे में अरबी की फसल में झुलसा रोग का प्रकोप हो सकता है जिसके नियंत्रण के लिए मेन्कोजेब +  मेटालेक्सिल   का  छिडकाव 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से करना होता है|
  

अरबी की फसल में खाद की सम्पूर्ण जानकारी के लिए निचे दिए गए विडियो को देख सकते है 



अरबी की फसल की कटाई और भण्डारण 

अरबी की फसल जब छः महीने की हो जाती हे तब अरबी की फसल को निकाल लिया  जा सकता है अगर बाज़ार भाव अच्छा  है तो किसान फसल  निकालकर  सीधे मडी  में बेच सकते है  अरबी की फसल का भण्डारण घर पर अधिक दिनों तक नही किया सकता है    किसान उसे खेत में ही रहने दे सकते है 

अरबी की फसल से कितनी  कमाई की  जा सकती है 


फसल कोई भी हो  बाजार में जितना दाम फसल का होता है उस फसल से मुनाफा भी उतना ही किसान को होता है  फिर भी अगर देखा जाये तो अरबी की फसल से कमाई प्रति एकड़ के हिसाब से  सब कुछ खर्च हटाकरअरबी की फसल से सुध्ध  मुनाफा १ से लेकर १.५ लाख के लगभग हो जाता है 



अरबी की खेतीकी जानकारी आप निचे दिए गए  विडियो के माध्यम से भी ले सकते है|  





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