सोयाबीन की की फसल में खरपतवार नियंत्रण

 सोयाबीन की फसल में खरपतवार नियंत्रण करना बेहद जरुरी होता है  जैसे की सोयाबीन की फसल को बारिश के समय लगाई जाती  है  जब मानसून की बारिश होती है तब सोयाबीन की बुवाई की जाती है ईस वजह से जमीं से सोयाबीन और खरपतवार एक साथ निकलते है  खरपतवार मिटटी से वही पोषक  तत्व लेता है जो सोयाबीन की फसल को मिलना चाहिए अगर खरपतवार को नियंत्रण नही किया गया तो सोयाबीन की फसल को पोषक तत्व नही मिल पाते जिस वजह से सोयाबीन की फसल कमजोर रह जाती है और कही न कहीं उत्पादन में भारी  कमी देखने को मिलती है सोयाबीन की फसल में खरपतवार को बड़ी आसानी से नियंत्रण  किया जा सकता है सोयाबीन की फसल में खरपतवार नियंत्रण करने के लिए रासायनिक खरपतवार नाशक दवाओ का छिडकाव किया जाता है

निचे दिए गए गए विडियो में इसकी पूरी जानकारी दी गयी है 


 


सोयाबीन की फसल में खरपतवार को नियंत्रण को नियंत्रण करने के लिए बाजार में दो प्रकार की दवाइयां उपलब्ध है  कुछ दवाइयां बुवाई के बाद 48  घंटे के भीतर डाली जाती है जैसे सिजेंता कम्पनी की अथोरिटी नेक्स्ट पि कंपनी की अकिरा , और बहुत सारी  अन्य खरपतवार नाशक बाजार में उपलब्ध है 

सोयाबीन में बुवाई के 48 घंटे अन्दर डाली जाने वाली  खरपतवार नाशक के बारे में निचे दिए गए  विडियो के माध्यम से भी जानकारी ले सकते है 








 सोयाबीन में बुवाई के 15 दिन बाद जब खरपतवार पूरी तरह से जमीं से बहार निकल आता है 
तब ईमाझिथापर 10 % का छिडकाव 500 मिली प्रति एकड़ की दर से करना चाहिए 


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